भारत में 74% लोगों ने दांतों के इलाज में 1500 रू. से अधिक खर्च किए

Health • Apr 03, 2025 • Anil sharma

हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण में भारत में दंत चिकित्सा उपचार की लागत की अप्रत्याशित प्रकृति पर प्रकाश डाला गया है। मानक मूल्य निर्धारण की कमी का मतलब है कि रोगियों को अक्सर यह स्पष्ट नहीं होता कि उचित शुल्क क्या है। भारत में दातों के इलाज की कीमतों में भारी अंतर से लोग परेशान हैं। महंगे इलाज के कारण लोग समय पर दातों का इलाज नहीं करवा पाते। जो कराते हैं, उनमें से 74 % लोगों ने दांतों से संबंधित समस्याओं के इलाज में कम से कम 1500रूपये खर्च किए हैं।

दांतो के महंगे इलाज से परेशान 73% भारतीयों ने सरकार से दांत के इलाज में कीमतों को तय करने की मांग की। जबकि 20% ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है। एक सर्वे में यह सामने आया है। वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे से पहले देशभर के 369 जिलों में 46 हजार लोगों पर किए गए सर्वे में बताया गया है कि उन्नत दंत चिकित्सा तकनीक और महंगे उपकरणों के कारण निजी क्लीनिक में इलाज की लागत अधिक होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आयुष्मान भारत योजना में दंत चिकित्सा को जोड़ा जाए तो इससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राहत मिल सकती है।

दांत फिलिंग में परिवार पर पिछले 3 साल में किया खर्च

  • - 31% लागों ने खर्च किये 2000 से 3000 रूपये।
  • - 27% लागों ने खर्च किये 1500 से 2000 रूपये।
  • - 16% लागों ने खर्च किये 3000 रूपये से ज्यादा।
  • - 11% लागों ने खर्च किये 1000 से 1500 रूपये।
  • - 10% लागों ने खर्च किये 800 से 1000 रूपये।

दांतों की फिलिंग में 1500 रूपये तक खर्च किए

  • - 74% लोगों ने दांत फिलिंग के लिये 100-1500 रूपये के उपचार में लगभग 1500 से अधिक का खर्च किया।
  • - 33% लोगों ने रूट कैनाल के लिये 500-15000 रूपये के उपचार में लगभग 10000 से अधिक का खर्च किया।