सीसीई प्रणाली ने परीक्षा को बनाया आसान, कम अंक लाकर भी सफल होने का अवसर

Educational • Apr 02, 2025 • Rajesh kumar

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों जैसे बीए, बीकॉम और बीएससी के विद्यार्थियों के लिए सतत और व्यापक मूल्यांकन को अनिवार्य कर दिया गया है। इस नई प्रणाली के लागू होने से अब परीक्षा में पास होना पहले की तुलना में आसान हो गया है।

किनको होगा फायदा:-

इस प्रणाली में बीए, बीकॉम और बीएससी जैसे स्नातक पाठ्यक्रमों कर रहे प्राइवेट विद्यार्थी लाभांवित होंगे। सीसीई के तहत कॉलेज स्तर पर विद्यार्थियों का 15 अंको का मूल्यांकन किया जाता है। प्रत्येक छात्र का सीसीई में पास होना आवश्यक होता है। यदि कोई छात्र इसमें अपेक्षित अंक प्राप्त नहीं कर पाता है, तो उसे दोबारा मूल्यांकन का अवसर दिया जाता है।

क्या हैं सीसीई के अंक जुड़ने की प्रक्रिया:-

मुख्य परीक्षा में नियमित विद्यार्थियों के लिए 85 अंको की परीक्षा आयोजित की जाती है, जबकि प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए यह परीक्षा 100 अंको की होती है। परीक्षा में पास होने के लिए विद्यार्थियों को कुल मिलाकर 33 अंक प्राप्त करना आवश्यक होता है। सीसीई के अंक मुख्य परीक्षा के अंकों में जोड़ दिए जाते हैं, जिससे विद्यार्थियों के लिए पास होना अपेक्षाकृत सरल हो जाता है।

जानें क्या है सीसीई प्रणाली के फायदे:-

सीसीई प्रणाली का उद्देश्य विद्यार्थियों को पूरे वर्ष पढ़ाई में संलग्न रखना है। इस मूल्यांकन में प्रोजेक्ट वर्क, असाइनमेंट, प्रेजेंटेशन और कक्षा में भागीदारी जैसे विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाता है। सीसीई के अंक मिलने के कारण मुख्य परीक्षा में विद्यार्थियों को अपेक्षाकृत कम अंक लाकर भी सफल होने का अवसर प्राप्त होता है।